क्या है देश के हिंदुओं का भविष्य और क्या है उनकी निष्ठा? एक ही दिन अख़बार में छपी दो खबरें।
एक तरफ नवधा रामायण पाठ में कोई सुनने वाला नहीं दूसरी तरफ रात 12 बजे ईसाई समाज का 60 गाड़ियों सहित विशाल जुलुस। क्या यही हम सभी की धर्म के प्रति निष्ठा है? इसके जिम्मेदार हम लोग नहीं तो और कौन हैं? जिस धर्म के अनुयायी अपने धर्म के प्रति निष्ठावान हैं, राजनेता उनके प्रति निष्ठा दिखाने को मजबूर होंगे ही । स्वयं विचार कीजिये।