जब ये परिवार सत्ता मे था । सरकार उनके रिमोट से चला करती थी तब इस खानदान का रुतबा सातवे आसमान पर था । किसी को कुछ नहीं समझा जाता था मानो पूरे देश का मालिक यही खानदान हो बाकी सब गुलाम हों खानदानी राजकुमार और राजकुमारी की तरह लोगो के बीच जाते थे तो सरकारी खर्चे पर कालीन बिछाए जाते थे प्रधान मंत्री तो ऐक बहाना होते थे पूरे मजे यही खानदान लिया करता था सरकारी पैसो से आज समय ने पल्टी खाई खानदान सङक पर आ गया इज्जत की लुटिया डूब गयी घोटाले बेनकाब हो गये तो आज जनता के बीच नौटंकियाँ शुरू कर दी याद रहे ये बरसाती मेंढक की तरह है मतलब के लिये टर्र टर्र करने आते है आज इन ठगो की सोच ये है कि कैसे भी सत्ता हाथ लग जाए इन ठगों से सावधान रहे जनता